खो जाए जन्नत भी, प्यार के इस नजारे में सोचा की लिखूं दो लब्ज तेरे बारे में। खो जाए जन्नत भी, प्यार के इस नजारे में सोचा की लिखूं दो लब्ज तेरे बारे में।
प्रीत लिखूँ संगीत लिखूँ प्रीत लिखूँ संगीत लिखूँ
लब्जों से हर मौसम सुहाना, लब्जों से ही आतंक और प्रेम शायराना लब्जों से हर मौसम सुहाना, लब्जों से ही आतंक और प्रेम शायराना
दिखे हैवानियत चारों तरफ दुनिया में जब मुझको नया भारत का ऐसे में लिखूं इतिहास मैं कैसे दिखे हैवानियत चारों तरफ दुनिया में जब मुझको नया भारत का ऐसे में लिखूं इतिहास...
प्रसाद के मनु की तरह एक महामानव हैं जिसने सृजित किया कामायनी को !! प्रसाद के मनु की तरह एक महामानव हैं जिसने सृजित किया कामायनी को !!
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।